वैशाख पूर्णिमा 2025 कब है? इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा 12 मई 2025, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु और गौतम बुद्ध दोनों के पूजन के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है।

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क्यों खास है वैशाख पूर्णिमा? इस दिन भगवान विष्णु की आराधना से जीवन में सुख, समृद्धि और मनचाही कामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म और ज्ञान से भी जुड़ा है।

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ग्रह दोषों को शांति देने वाला दिन वैशाख पूर्णिमा पर कुछ विशेष वृक्षों की पूजा करने से कुंडली के शनि, गुरु जैसे ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

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पीपल के वृक्ष की पूजा क्यों करें पीपल को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है। इस वृक्ष की पूजा करने से शनि और गुरु का असर बेहतर होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

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ऐसे करें पीपल की पूजा सुबह स्नान के बाद पीपल को जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं और मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें। इससे घर में शांति और उन्नति आती है।

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तुलसी की पूजा से क्या लाभ होगा तुलसी माता को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा करने से पुराने पाप नष्ट होते हैं और घर में धन की वृद्धि होती है।

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तुलसी पूजन की विधि तुलसी को जल चढ़ाएं, दीपक लगाएं और विष्णु सहस्रनाम या तुलसी स्तोत्र का पाठ करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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शमी के वृक्ष की पूजा क्यों जरूरी है शमी का वृक्ष शनि दोष शांति में अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसकी पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया से राहत मिलती है।

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वैशाख पूर्णिमा का शुभ लाभ पाने का सरल उपाय इस दिन पीपल, तुलसी और शमी की पूजा कर आप ग्रहों का दोष दूर कर सकते हैं और जीवन में सुख, शांति व समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।

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बुद्ध पूर्णिमा 2025: इन 3 चीजों को घर लाएं, मिलेगा धन, शांति और लक्ष्मी का आशीर्वाद