हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को तिल द्वादशी के रूप में जाना जाता है। 

इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। 

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान किया जाता है, और यदि यह संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। 

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इसके बाद तिल के जल से भगवान विष्णु का अभिषेक किया जाता है और पूजा सामग्री में तिल अर्पित किए जाते हैं। 

पूजा के बाद तिल का नैवेद्य चढ़ाया जाता है और उसका प्रसाद ग्रहण किया जाता है। 

तिल द्वादशी व्रत माघ माह की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है।  

वर्ष 2025 में तिल द्वादशी 09 फरवरी को मनाई जाएगी। 

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा तिल से की जाती है।  

पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। 

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