Neha Pandey
राधा-तत्त्व क्या है?
राधा-तत्त्व इतना गोपनीय है कि वेद भी उसे पूरी तरह प्रकट नहीं कर सके। उन्हें केवल शुद्ध भक्ति द्वारा समझा जा सकता है।
वे कोई साधारण महिला नहीं
वे श्रीकृष्ण की आंतरिक ह्लादिनी शक्ति हैं। उनका शरीर, मन और इंद्रियाँ पूर्णतः आध्यात्मिक हैं।
ह्लादिनी शक्ति क्या है?
राधा वह शक्ति हैं जिससे कृष्ण को आनंद मिलता है। ह्लादिनी शक्ति का सार है – प्रेम। उसका चरम रूप है – महाभाव।
राधा और कृष्ण एक आत्मा हैं
नहीं, वे एक ही आत्मा के दो रूप हैं। राधा हैं शक्ति, कृष्ण हैं शक्तिमान। वे प्रेम के लिए दो रूपों में प्रकट हुए।
चैतन्य महाप्रभु = राधा+कृष्ण
चैतन्य महाप्रभु, श्रीकृष्ण हैं जिन्होंने राधा का भाव और रंग अपनाया। यह राधा-कृष्ण का संयुक्त रूप है।
ग्रंथों में राधा की महिमा - तंत्र और पुराणों में राधा देवी - राधिका परा-देवता” – सभी शक्तियों की मूल। वे भगवान को भी मोहित करने वाली शक्ति हैं।
श्री राधा की कृपा क्यों आवश्यक है?
श्री राधा भक्त और भगवान के बीच की कड़ी हैं। व्रजवासी पहले राधा की कृपा माँगते हैं, फिर कृष्ण की सेवा करते हैं।
राधारानी केवल प्रेम देती हैं। वे हमें कृष्ण की सेवा तक पहुँचाती हैं। भक्ति का सार उन्हीं से शुरू होता है।
राधा = भक्ति की अधिष्ठात्री