हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा का विधान है और उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है।  

आइए जानते हैं कि माघ माह में षटतिला एकादशी क्यों मनाई जाती है? आइए षटतिला एकादशी की सही तिथि और इसका महत्व बताते हैं।" 

षटतिला एकादशी महत्व षटतिला एकादशी भगवान विष्णु की प्रिय एकादशियों में से एक मानी जाती है। 

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इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। 

यह व्रत दरिद्रता और दुखों को समाप्त कर जीवन में खुशहाली लाता है। 

यदि व्रत रखना संभव न हो, तो केवल इस व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। 

षटतिला एकादशी व्रत तीनों प्रकार के पापों – वाचिक, मानसिक और शारीरिक – से मुक्ति प्रदान करता है।  

इस व्रत का फल कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और यज्ञों के समान माना गया है। 

षटतिला एकादशी 2025 तिथि  माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 जनवरी 2025 को शाम 7:25 बजे प्रारंभ होगी और 25 जनवरी 2025 को रात 8:31 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के अनुसार की जाती है। इसी कारण षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है।

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