चंद्रमा का महत्व: ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। कमजोर चंद्रमा मन को अशांत और भावनात्मक बना सकता है।

शरद पूर्णिमा का दिन: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सबसे अधिक चमकदार होता है। इस दिन व्रत रखने से चंद्रमा से जुड़ी ऊर्जा प्राप्त होती है।

व्रत का प्रभाव: शरद पूर्णिमा का व्रत रखने से कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बल मिलता है। इससे मन शांत होता है और भावनात्मक संतुलन स्थापित होता है।

मन की शांति: व्रत रखने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।

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भावनात्मक संतुलन: भावनात्मक उतार-चढ़ाव कम होते हैं और व्यक्ति अधिक संतुलित महसूस करता है।

स्वास्थ्य लाभ: व्रत रखने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और शरीर में विषैले पदार्थों का निष्कासन होता है।

आत्मविश्वास में वृद्धि: मन शांत होने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति अधिक सकारात्मक सोचने लगता है।

विधि: शरद पूर्णिमा के दिन पूरे दिन उपवास रखा जाता है। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और मूंग दाल का खीर का भोग लगाया जाता है।

सावधानी: व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को व्रत नहीं रखना चाहिए।

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