Neha Pandey
श्रीकृष्ण विरजा संग लीला में
यह सुनकर राधारानी के हृदय में हलचल मच गई।
श्री राधारानी की व्याकुल खोज
लेकिन वहाँ पहुँचने पर कृष्ण अदृश्य हो चुके थे।
विरजा बनी नदी
तब राधा ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने का उपाय सोचा।
दिव्य उपवन की रचना
लताएं, पुष्प, भौंरे और पक्षियों से भरा दिव्य धाम।
बांसुरी की धुन
यह धुन श्रीकृष्ण को खींच लाई।
श्रीकृष्ण का आगमन - श्रीकृष्ण प्रकट हुए, राधा जी ने उनका हाथ थामा। श्री राधारानी की भक्ति की जीत हुई।
श्रीकृष्ण की प्रतिज्ञा
यही स्थान कहलाया ‘नवद्वीप’।
यह धाम अब गौरांग महाप्रभु की लीलाओं का केंद्र है।
मायापुर, नवद्वीप-धाम की महिमा