शिव पुराण में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। प्रदोष व्रत   के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। 

इस दिन अन्न और धन का दान भी आवश्यक है। मार्च का महीना शुरू हो चुका है, आइए जानते हैं इस माह में कब प्रदोष व्रत रखा जाएगा। 

यह पर्व महादेव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।  

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इसे हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। पूजा के दौरान शिवलिंग का गंगाजल, कच्चे दूध, दही और अन्य सामग्रियों से अभिषेक करना चाहिए।  

शिव पुराण के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन इन शुभ कार्यों को करने से व्यक्ति को करियर में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

मार्च में प्रदोष व्रत की तिथियां  वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्च में पहला प्रदो ष व्रत 11 मार्च को है, और इस महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 27 मार्च को मनाया जाएगा। 

प्रदोष व्रत 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त  फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च को सुबह 08:13 बजे से शुरू होकर 12 मार्च को सुबह 09:11 बजे समाप्त होगी। इसलिए 11 मार्च को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। 

इस दिन महादेव की पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 06:27 बजे से 08:53 बजे तक है। 

प्रदोष व्रत 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त  वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 27 मार्च को रात 01:42 बजे से होगा और तिथि का समापन 27 मार्च को रात 11:03 बजे पर होगा। इस प्रकार, 27 मार्च को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा। भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06:36 से 08:56 तक है। 

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