निर्जला एकादशी 2025 कब है?इस वर्ष निर्जला एकादशी 6 जून 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है और सबसे कठिन व्रतों में से एक मानी जाती है।
क्यों है यह व्रत सबसे श्रेष्ठ?निर्जला एकादशी का व्रत अकेले रखने से पूरे वर्ष की 24 एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है। यह व्रत मोक्षदायक माना गया है।
क्या है धार्मिक मान्यता?महाभारत के अनुसार, भीमसेन ने भी केवल यही व्रत रखा था क्योंकि वे अन्य एकादशियों में उपवास नहीं कर सकते थे। इसी से इसका विशेष महत्व बताया गया है।
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व्रत की कठिन तपस्याइस दिन उपवासी बिना अन्न और जल के रहते हैं। गर्मी के मौसम में निर्जल रहना इस व्रत को तप के समान बना देता है।
इस दिन करें भगवान विष्णु की पूजानिर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। व्रत के साथ भक्ति से किया गया पूजन विशेष फलदायी होता है।
क्यों करें इस दिन दान?दान करने से व्रत का पुण्य और बढ़ जाता है। इस दिन का दान जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाता है।
जलदान का विशेष महत्वनिर्जला एकादशी पर ठंडा पानी, सुराही या घड़े का दान सर्वोच्च माना गया है। प्यासों को जल देना सबसे बड़ा पुण्य है।
और क्या-क्या दान करें?इस दिन जरूरतमंदों को छाता, पंखा, बिस्तर, खरबूजा, शरबत, गुड़ और अनाज दान करें। इससे दुर्भाग्य दूर होता है।
और क्या-क्या दान करें?इस दिन जरूरतमंदों को छाता, पंखा, बिस्तर, खरबूजा, शरबत, गुड़ और अनाज दान करें। इससे दुर्भाग्य दूर होता है।
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