पहला दिन – पीला: यह रंग ज्ञान और ऊर्जा का प्रतीक है। नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो नई शुरुआत का आशीर्वाद देती हैं।

By Neha Pandey

दूसरा दिन – हरा: हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, जो तपस्या और शक्ति का आशीर्वाद देती हैं।

तीसरा दिन – ग्रे: यह रंग धैर्य और शांतता का प्रतीक है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से जीवन में साहस और धैर्य आता है।

चौथा दिन – नारंगी: नारंगी रंग उत्साह और समर्पण का प्रतीक है। माँ कूष्मांडा की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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पाँचवाँ दिन – सफेद: सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जिनकी कृपा से मन को शांति मिलती है।

छठा दिन – लाल: लाल रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है। माँ कात्यायनी की आराधना करने से व्यक्ति में अदम्य साहस और आत्मविश्वास का विकास होता है।

सातवाँ दिन – नीला: यह रंग आंतरिक शांति और सुरक्षा का प्रतीक है। माँ कालरात्रि की पूजा से जीवन के सारे भय और कष्टों का नाश होता है।

आठवाँ दिन – गुलाबी: गुलाबी रंग प्रेम और करुणा का प्रतीक है। माँ महागौरी की कृपा से भक्तों को शुद्धता और प्रेम प्राप्त होता है।

नौवाँ  – बैंगनी: यह रंग आदिनकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सभी सिद्धियों और मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।