पहला दिन – घी: माँ शैलपुत्री को घी का भोग लगाएं, इससे शरीर स्वस्थ रहता है और जीवन में समृद्धि आती है।

दूसरा दिन – चीनी: माँ ब्रह्मचारिणी को चीनी या मिश्री का भोग अर्पित करें, जिससे दीर्घायु और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

तीसरा दिन – दूध: माँ चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

चौथा दिन – मालपुए: माँ कूष्मांडा को मालपुए का भोग चढ़ाने से बुद्धि और शक्ति में वृद्धि होती है।

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पाँचवाँ दिन – केले: माँ स्कंदमाता को केले अर्पित करें, जिससे संतान की उन्नति और सुख-समृद्धि मिलती है।

छठा दिन – शहद: माँ कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से सुंदरता और आकर्षण में वृद्धि होती है।

सातवाँ दिन – गुड़: माँ कालरात्रि को गुड़ अर्पित करने से हर प्रकार के भय और रोगों से मुक्ति मिलती है।

आठवाँ दिन – नारियल: माँ महागौरी को नारियल का भोग लगाने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और जीवन में स्थिरता आती है।

नवाँ दिन – तिल: माँ सिद्धिदात्री को तिल का भोग अर्पित करें, जिससे शक्ति और सिद्धि प्राप्त होती है।