नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है, जो सुख, समृद्धि और आरोग्यता प्रदान करती हैं।

मां कूष्माण्डा को उनकी प्रिय भोग वस्तु कद्दू (कूष्माण्ड) अर्पित करने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं।

कद्दू के भोग का धार्मिक महत्व है, जो स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

मां कूष्माण्डा को मालपुआ भी विशेष रूप से प्रिय होता है, जिससे उन्हें प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।

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देवी को शहद और दही का भोग भी अर्पित करना शुभ माना जाता है।

मां कूष्माण्डा सूर्य के केंद्र में निवास करती हैं, इसलिए उनके भोग में ऊर्जा और पोषण की वस्तुओं का विशेष महत्व है।

मां को प्रसन्न करने के लिए भोग अर्पण के बाद दीप जलाकर देवी की आरती करें।

भक्तों को मां कूष्माण्डा की पूजा में विशेष रूप से ह्रदय से श्रद्धा और भक्ति रखनी चाहिए।

सही भोग और विधि से पूजा करने से देवी के आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि का संचार होता है।

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