मोहिनी एकादशी 2025 कब है? वैशाख मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस बार यह व्रत 8 मई 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। यह व्रत पापों के विनाश और मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है।

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मोहिनी एकादशी का धार्मिक महत्व यह व्रत भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार को समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन उनका रूप देख देव-दानव भी चकित रह गए थे। यह तिथि धर्म की रक्षा और चातुर्य का प्रतीक है।

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क्या है मोहिनी अवतार? मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु ने एक सुंदर स्त्री का रूप लिया। इस अवतार ने ही अमृत की रक्षा की और धर्म की जीत कराई।

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समुद्र मंथन और अमृत विवाद जब समुद्र मंथन से अमृत निकला, तो देवताओं और असुरों में झगड़ा हुआ। भगवान विष्णु ने मोहिनी बनकर असुरों को मोहित किया और अमृत देवताओं को दे दिया।

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क्या संदेश देता है मोहिनी अवतार? यह अवतार सिखाता है कि चतुराई और विवेक से बड़ी से बड़ी चुनौतियां हल हो सकती हैं। धर्म की रक्षा के लिए हर युग में ईश्वर कोई न कोई रूप लेकर आते हैं।

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दूसरी रहस्यमयी कथा – भस्मासुर वध भस्मासुर को वरदान था कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में उसे नृत्य के लिए राज़ी किया।

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भस्मासुर का अंत कैसे हुआ? नृत्य करते-करते मोहिनी ने चालाकी से भस्मासुर से उसका हाथ उसके ही सिर पर रखवा दिया। और वो स्वयं ही भस्म हो गया।

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क्यों करें मोहिनी एकादशी का व्रत? इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। मन, बुद्धि और भाग्य सभी में सुधार आता है।

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धर्म की रक्षा का प्रतीक दिन मोहिनी एकादशी सिर्फ उपवास नहीं, यह एक संदेश है – जब संकट बड़ा हो, तब बुद्धि, आस्था और विवेक से राह मिलती है।

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Mohini Ekadashi 2025:इस दिन तुलसी पूजा से मिलेगा धन-लाभ और विष्णु कृपा!