मौनी अमावस्या के दिन मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है। इस दिन मंत्रों का उच्चारण शुभ फल प्रदान करता है और पितरों को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है।  

सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का एक विशेष स्थान है। इसे माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। 

इस पावन दिन पर प्रातःकाल गंगा स्नान कर दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी होता है। 

लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। 

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इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। 

यदि आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इस दिन विशिष्ट मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है। आइए जानें कि किन मंत्रों का जाप कर पितरों का आशीर्वाद पाया जा सकता है। 

मौनी अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त कब है? मौनी अमावस्या का पर्व इस वर्ष 29 जनवरी को मनाया जाएगा। यह तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे से प्रारंभ होगी और 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए मौनी अमावस्या का यह पवित्र पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा।

इन मंत्रों का करें जाप  इन विशेष मंत्रों का जाप करके आप अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं और इसे अधिक फलदायक बना सकते हैं:

1. ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। 2. ॐ पितृ देवतायै नमः। 3. ॐ पितृगणाय विद्महे, जगत धारिणी धीमहि, तन्नो पितृः प्रचोदयात्।। 4. ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।। इन मंत्रों के नियमित जाप से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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