माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्नान, दान और व्रत करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।  

मौनी अमावस्या पर विशेष रूप से मौन व्रत रखने का प्रचलन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन मौन व्रत क्यों रखा जाता है  

इस बार माघ माह की मौनी अमावस्या 29 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। 

इस दिन मौन रहकर स्नान और व्रत किया जाता है। 

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लेकिन क्या आप जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत क्यों रखा जाता है  ?

क्यों रखते हैं मौन व्रत? मौन व्रत रखने से व्यक्ति के मन का नियंत्रण बेहतर होता है, क्योंकि ज्योतिष में चंद्रदेव को मन का कारक माना गया है।

अमावस्या के दिन चंद्रमा उदय नहीं होता, जिससे मन की स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में मन को एकाग्र और नियंत्रित रखने के लिए इस दिन मौन व्रत का पालन किया जाता है।  

धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से वाणी की शुद्धि होती है और समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है। 

वाणी के प्रभाव से हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। मौन रहने से व्यक्ति का मन शांत होता है, जिससे ध्यान करने में आसानी होती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, मौन व्रत रखने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है और मोक्ष का मार्ग पा सकता है। 

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