मकर संक्रांति फसल के मौसम की शुरुआत और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। इसके बाद दिन बड़े होने लगते हैं और उत्तरायण की अवधि लगभग छह महीने तक रहती है।  

साल की सभी 12 संक्रांतियों में से मकर संक्रांति को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य और दान-पुण्य जैसे शुभ कार्य करते हैं।  

आइए जानते हैं, इस दिन स्नान का सबसे अच्छा समय क्या है, ताकि शुभ फल प्राप्त किया जा सके। 

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हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पर महा पुण्यकाल की शुरुआत सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगी और इसका समापन सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर होगा। 

पुण्य काल सुबह 09 बजकर 03 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। 

इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।  

इस समयावधि में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।  

इसलिए, मकर संक्रांति के दिन इन शुभ मुहूर्तों में स्नान कर पुण्य का लाभ उठाया जा सकता है। 

इस दिन कुंभ के चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। स्नान के लिए सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से विशेष पुण्य और लाभ प्राप्त होता है। इसलिए, मकर संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने की परंपरा को विशेष रूप से महत्व दिया जाता है। 

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