धार्मिक शास्त्रों में महाशिवरात्रि व्रत को लेकर विशेष नियमों का उल्लेख किया गया है, जिनमें यह स्पष्ट किया गया है कि इस दिन क्या ग्रहण करना चाहिए और किन चीजों से परहेज आवश्यक है। 

महाशिवरात्रि का पर्व शिवभक्तों के लिए आस्था और भक्ति से परिपूर्ण होता है। 

इस दिन भगवान शिव की उपासना के साथ व्रत रखने का भी अत्यधिक महत्व बताया गया है। 

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महाशिवरात्रि का व्रत दो प्रकार का होता है—निर्जला व्रत और फलाहार व्रत। निर्जला व्रत में दिनभर और रात्रि भर बिना जल एवं अन्न ग्रहण किए उपवास रखा जाता है, जिसे कठिन तपस्या का प्रतीक माना जाता है। 

शिवभक्त इस व्रत को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए रखते हैं। फलाहार व्रत के अंतर्गत दिन और रात्रि के समय कुछ विशेष आहार ग्रहण किया जा सकता है। इस व्रत में दूध, फल, मेवे और अन्य हल्के सात्त्विक आहार का सेवन किया जाता है, जिससे उपवास रखने वाले की ऊर्जा बनी रहे और वे पूरी श्रद्धा के साथ भक्ति एवं साधना में लीन रह सकें। 

महाशिवरात्रि व्रत में क्या खा सकते हैं?  जो भक्त फलाहार व्रत रखते हैं, वे निम्नलिखित भोजन का सेवन कर सकते हैं: सिंघाड़े के आटे का हलवा कुट्टू के आटे से बनी कचौड़ी या पूरी सिंघाड़े के आटे की पकौड़ी आलू दम (सेंधा नमक के साथ तैयार किया गया) कुट्टू के चावल की खीर फल और सूखे मेवे मिठाई (अनाज रहित जैसे मखाने की खीर, नारियल बर्फी आदि) दूध और दूध से बने उत्पाद ठंडाई (बादाम, सौंफ, गुलाब, काली मिर्च आदि का मिश्रण)

गौरतलब है कि व्रत के दौरान सामान्य नमक के स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है, क्योंकि यह व्रत में उपयुक्त माना जाता है। 

महाशिवरात्रि पर इन चीजों से करें परहेज 

महाशिवरात्रि व्रत के दौरान निम्नलिखित चीजों का सेवन और आचरण से बचना चाहिए: मांसाहार और मदिरा – इस दिन मांस, मछली और शराब का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है। तामसिक भोजन – प्याज और लहसुन जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों से दूरी बनाए रखें, क्योंकि ये आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धता में बाधा डालते हैं। अन्न और अनाज – जो भक्त व्रत रखते हैं, उन्हें गेहूं, चावल और अन्य अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। विलासितापूर्ण आचरण – व्रतधारियों को संयम बरतना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, जिससे आत्मिक शुद्धता बनी रहे।

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