हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह उत्सव 26 फरवरी को मनाया जाएगा।
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है और इसे "शिव की महान रात" के रूप में जाना जाता है।
मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पवित्र विवाह संपन्न हुआ था।
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महाशिवरात्रि का व्रत प्राचीन काल से चला आ रहा है, जिसमें कुछ भक्त पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं, जबकि अन्य फल, दूध और सूखे मेवों का सेवन करते हैं।
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महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भक्तजन भगवान शिव की आराधना के रूप में उपवास रखते हैं।
कुछ श्रद्धालु निर्जला व्रत रखते हैं, जिसमें पूरे दिन जल और अन्न का सेवन नहीं किया जाता, जबकि अन्य फलाहार व्रत का पालन करते हैं, जिसमें केवल फल और दूध ग्रहण किए जाते हैं।
व्रत के दौरान बेर, केला, सेब, संतरा जैसे फल खाए जा सकते हैं। इस दिन सात्विक आहार का पालन करना चाहिए और मांस-मदिरा के सेवन से पूरी तरह परहेज करना आवश्यक है।
साथ ही, व्रत के दौरान मन, वाणी और कर्म से शुद्ध रहना चाहिए तथा किसी की निंदा या बुराई करने से बचना चाहिए।
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