मकर संक्रांति 2025 का पर्व 14 जनवरी, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण होते हैं। 

मकर संक्रांति के अवसर पर लोग पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही अपनी सामर्थ्य अनुसार दान-पुण्य करने का भी महत्व है।  

इस दिन काले तिल का विशेष महत्व होता है। काले तिल के उपाय करने से रोगों और दोषों से मुक्ति मिलती है।  

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साथ ही सूर्य देव और शनि महाराज की कृपा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और भाग्य का उदय होता है। 

मकर संक्रांति 2025 पर काले तिल के उपाय  मकर संक्रांति के दिन स्नान करते समय जल में काले तिल मिलाकर स्नान करना शुभ माना जाता है। काले तिल का उबटन लगाकर स्नान करने से भी लाभ होता है। यह उपाय रोगों और दोषों को दूर करने में सहायक होता है। साथ ही, घर और जीवन से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। 

मकर संक्रांति के दिन काले तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर पूरे परिवार के साथ उनका सेवन करना शुभ माना जाता है। यह परिवार में सुख-समृद्धि और एकता को बढ़ाता है। साथ ही, इसे खाने से स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह परंपरा सकारात्मकता का संचार करती है। 

मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और उसमें काले तिल अवश्य मिलाएं। यह उपाय सूर्य देव की कृपा पाने के लिए बहुत फलदायी माना जाता है। इससे करियर में उन्नति होती है और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। 

मकर संक्रांति पर स्नान के बाद काले तिल और गुड़ या खिचड़ी में काला तिल मिलाकर दान करें। यह उपाय सूर्य और शनि देव की कृपा पाने के लिए विशेष माना जाता है। इससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है। 

मकर संक्रांति के दिन काले तिल की आहुति देना, तिल से बने भोजन का सेवन करना और जल में तिल अर्पित करना अत्यंत लाभकारी होता है। नजर दोष से बचाव के लिए परिवार के सदस्यों की काले तिल से 7 बार नजर उतारकर उत्तर दिशा में फेंकने की परंपरा है। इससे घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। 

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