महाकुंभ से जुड़े आश्चर्यजनक और अज्ञात रहस्यों की खोज करते हुए, यह वर्णन महाकुंभ के आकर्षण और रहस्यों को सामने लाता है।
यह धार्मिक आयोजन न केवल भारतीयों के लिए बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए भी अनोखा और महत्वपूर्ण है।
महाकुंभ का आयोजन और इसके पीछे छिपे रहस्य अत्यंत रोचक और अद्वितीय हैं। आइए, इन रहस्यों की गहराई में उतरें और इसे और बेहतर समझें।
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अघोरी साधुअघोरी साधु भगवान शिव के अनन्य भक्त माने जाते हैं और अघोर पंथ का पालन करते हैं। ये साधु कपालिका परंपरा का अनुसरण करते हैं और इनके पास हमेशा एक नरमुंड रहता है, जो उनकी साधना का प्रतीक होता है।
अघोरी साधुओं के गुरु भगवान दत्तात्रेय माने जाते हैं, जिन्हें शिव, विष्णु और ब्रह्मा का अवतार माना जाता है। ये साधु सामान्य सामाजिक परंपराओं से अलग रहकर जीवन और मृत्यु के रहस्यों को समझने में व्यस्त रहते हैं।
जहां नागा साधु धर्म और समाज के लिए काम करते हैं, वहीं अघोरी साधु अपनी साधना में लीन रहते हैं और केवल भगवान शिव की उपासना करते हैं। उनकी साधना पद्धति रहस्यमय और अनूठी होती है।
नागा साधु नागा साधु भारतीय धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनकी परंपरा का प्रारंभ 8वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा हुआ था।
नागा साधुओं का मुख्य उद्देश्य धर्म की रक्षा करना और शास्त्र विद्या में निपुण होना है। वे अखाड़ों से जुड़े होते हैं और समाज की सेवा व धर्म प्रचार करते हैं।
ये साधु कठिन तपस्या और शारीरिक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। नागा साधु अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं और उनकी साधना परंपरा अखाड़ों द्वारा संचालित होती है। यह परंपरा उन्हें अनुशासन और संगठित जीवन का मार्ग दिखाती है।
Mahakumbh 2025: 95% लोग नहीं जानते महाकुंभ से जुड़े ये रहस्य