मकर संक्रांति की तिथि: 14 जनवरी 2025 को भारत में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा, जो बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। 

सूर्य का राशि परिवर्तन: इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे सूर्य का उत्तरायण भी कहा जाता है। 

खरमास का अंत: मकर संक्रांति के दिन से खरमास समाप्त हो जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। 

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विशेष संयोग: 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पर्व एक विशेष संयोग में मनाया जाएगा, जब 19 साल बाद दुर्लभ भौम पुष्प योग बनेगा। 

भौम पुष्प योग का महत्व: ज्योतिष शास्त्र में भौम पुष्प योग को अत्यंत शुभ माना जाता है, जो मंगल और पुष्य नक्षत्र के मिलन से बनता है। 

सफलता की संभावना: इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। 

तैयारियों की धूम: मकर संक्रांति के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं, तिल और गुड़ से बनी चीजें बनाते हैं और पतंगें उड़ाते हैं। 

मेलों का आयोजन: इस दिन मेलों का आयोजन होता है, जिनमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं। 

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: मकर संक्रांति का पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जो लोगों को एकत्रित करता है और जीवन में नई ऊर्जा भरता है। 

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