महाकुंभ में नागा साधु प्रमुख आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं। ये साधु भगवान शिव के अनन्य भक्त होते हैं और उनके उपासक के रूप में जीवन व्यतीत करते हैं। 

नागा साधुओं की लंबी-लंबी जटाएं होती हैं, जिन्हें वे कभी नहीं कटवाते। 

नागा साधु बाल क्यों नहीं कटवाते? नागा साधुओं द्वारा बाल न कटवाना उनके वैराग्य, त्याग और तपस्या का प्रतीक माना जाता है। 

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यह सांसारिक बंधनों, इच्छाओं और भौतिक सुखों से मुक्ति को दर्शाता है।  

ये साधु भगवान शिव के परम भक्त होते हैं, और शिवजी की लंबी जटाओं का अनुसरण करते हुए वे भी अपने बाल बढ़ाते हैं।  

यह उनकी साधना और तप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी उपासना में पूर्ण रूप से समर्पित रहने के लिए नागा साधु अपने बालों को कभी नहीं कटवाते। 

इस कारण से नहीं कटवाते बाल नागा साधुओं की जटाएं उनकी आध्यात्मिक साधना और भगवान शिव के प्रति उनकी अटूट भक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। 

मान्यता है कि यदि कोई नागा साधु अपने बाल कटवा ले, तो उसकी साधना अधूरी रह जाती है और भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं। 

उनका विश्वास है कि बाल न काटने से उनकी तपस्या का पूर्ण फल मिलता है और वे ईश्वरीय कृपा के पात्र बनते हैं। यही कारण है कि नागा साधु जीवनभर अपने बाल नहीं कटवाते और उन्हें बढ़ने देते हैं। 

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