माघ मास की पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है, हर पूर्णिमा का अपना महत्व होता है, लेकिन माघ पूर्णिमा की अपनी अनोखी विशेषता होती है।  

इस दिन स्नान और ध्यान करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघी पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी अमृतमयी रश्मियों से पृथ्वी के जल को विशिष्ट तत्वों से भर देता है, जिससे आम लोगों के कष्ट दूर होते हैं। 

मान्यताओं के अनुसार, माघी पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पूर्व जल में भगवान का तेज मौजूद रहता है, जो पापों का शमन करता है।  

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़े दोषों से मुक्ति मिलती है।  

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इसलिए इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए। यदि यह संभव न हो, तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। 

इसके अलावा, गंगाजल का आचमन करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।  

माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं। 

माघी पूर्णिमा 2025 तिथि  माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र मानी जाती है। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। माघ मास की पूर्णिमा को स्नान, दान और भगवान विष्णु की आराधना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। 2025 में माघ पूर्णिमा का व्रत बुधवार, 12 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन धार्मिक कार्यों और साधना का फल कई गुना बढ़कर मिलता है।

माघ पूर्णिमा तिथि: तारीख: 12 फरवरी 2025, बुधवार प्रारंभ: 11 फरवरी शाम 6:55 बजे समाप्ति: 12 फरवरी शाम 7:22 बजे नक्षत्र:

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