करवा चौथ का पर्व हर विवाहित स्त्री के लिए विशेष होता है। यह दिन उनकी आस्था, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है। करवा चौथ व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
इस दिन की पूजा-विधि और पूजा सामग्री का भी बहुत महत्व होता है। यदि पूजा सामग्री में कोई कमी रह जाए तो पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि करवा चौथ की पूजा सामग्री पूरी तरह से तैयार हो और किसी भी महत्वपूर्ण वस्तु की कमी न हो।
करवा चौथ का व्रत हिंदू विवाहित स्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन वे निर्जल और निराहार रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुहागिनों की तरह सजती-संवरती हैं और रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद अपने व्रत का पारण करती हैं।
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करवा चौथ की पूजा सामग्री की लिस्टकरवा माता और गणेशजी की तस्वीर या मूर्ति, गाय का घी, रोली, कुमकुम
करवा माता की चुनरी, नए वस्त्र, गणेशजी और शंकरजी के नए वस्त्र
मिट्टी का करवा, एक ढक्कन, एक थाली, पिसी शक्कर या बूरा, शहद
चांद देखने के लिए छलनी, लकड़ी की चौकी
सोलह श्रृंगार की समाग्री, कलश, दीपक, रूई की बाती
कपूर, अगरबत्ती, गेहूं, लहुआ, 8 पूड़ियों की अठावरी
अक्षत्, हल्दी, चंदन, फूल, पान का पत्ता, कच्चा दूध, दही
मौली या कलावा, मिठाई, लोटा या गिलास,
दक्षिणा के लिए रुपये
करवा चौथ व्रत कथा और आरती की एक पुस्तक
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