इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर को है, यह व्रत पति की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि के लिए रखा जाता है।
पहली बार करवा चौथ का व्रत रखते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि व्रत सफल और शुभ हो।
आइए, जानते हैं वे 6 खास बातें जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।
करवा चौथ के व्रत में सबसे पहले कई जगह सरगी खाने का रिवाज होता है। सरगी सास बहू को देती है जिसमे मिठाइयाँ, फल, सूखे मेवे, और श्रृंगार आदि का सामान शामिल होता है। सरगी खाने के बाद व्रती महिला जब तक चांद को अर्घ्य न दे तब तक निर्जला व्रत का पालन करना होता है।
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कथा सुनने के बाद भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है।
करवा चौथ के दिन अपने श्रृंगार में ये 6 घंटे जरूर शामिल करें ये 6 श्रृंगार हैं - चूड़ी, सिन्दूर, मेहंदी, मंगलसूत्र, बिंदी और बिछिया।
करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाएँ एक थाली में श्रृंगार का सामान जैसे- चूड़ी, बिंदी, सिन्दूर, कंघी, शीशा और शगुन आदि रख कर अपनी विवाहित सास, अपनी विवाहित माता या जेठानी या फिर किसी बुजुर्ग महिला को जरूर दे।
करवा चौथ पर व्रती महिला को मिट्टी के करवे से ही चंद्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए। मिट्टी का करवा शुद्धता का प्रतीक माना जाता है
करवा चौथ व्रत की विशेष पूजा में आपका मुख मंदिर में पूर्व की तरफ होना चाहिए और पीठ पश्चिम के तरफ। इसका मतलब यह है कि करवा माता का मंदिर भी पूर्व दिशा में ही स्थापित किया जाए।
Karwa Chauth 2024:करवा चौथ, सुहागिनों का व्रत और पवित्र प्रेम की कहानी