कार्तिक मास का महत्व कार्तिक मास हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में से एक है। इस मास में व्रत, पूजा और स्नान का विशेष महत्व होता है।

कार्तिक स्नान का पुण्य कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। यह स्नान व्यक्ति के सभी पापों को धोता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

स्नान का सही तरीका सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर में ही तुलसी जल से स्नान किया जा सकता है।

दीपदान का महत्व स्नान के बाद दीप जलाना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। दीपदान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

Fill in some text

तुलसी पूजा का महत्व दूसरे दिन तुलसी पूजा करनी चाहिए। तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है, और इसकी पूजा से समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। – 

अन्नदान का पुण्य कार्तिक मास में अन्नदान करना विशेष फलदायी होता है। गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करने से भगवान की कृपा मिलती है।

विष्णु पूजा का फल तीसरे दिन भगवान विष्णु की पूजा और कार्तिक कथा सुननी चाहिए। इससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

शिवजी की आराधना कार्तिक मास में भगवान शिव की पूजा भी विशेष फलदायी होती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाकर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

तीन दिनों का महत्व पूरे कार्तिक मास की पूजा संभव न हो तो इन तीन दिनों में स्नान, दीपदान, तुलसी पूजा और विष्णु-शिव आराधना करके पूरे माह का पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।

Karwa Chauth :पहली बार कर रही है करवा चौथ ?इन 6 खास बातों का रखें ध्यान