By Neha Pandey Date: 08/04/2025
हिंदू धर्म में कामदा एकादशी का व्रत अत्यंत शुभ और पुण्यदायक माना गया है।
यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के समस्त पापों और जीवन की परेशानियों का अंत होता है।
विशेष रूप से यह व्रत ब्रह्महत्या जैसे महापाप और अनजाने अपराधों से मुक्ति दिलाने वाला होता है। कामदा एकादशी व्रत से न केवल इच्छाओं की पूर्ति होती है, बल्कि यह मानसिक शांति और आत्मिक प्रगति में भी सहायक होता है।
कामदा एकादशी 2025 कब है? पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 7 अप्रैल की रात 8 बजे से होगी और यह तिथि 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट तक प्रभावी रहेगी। ऐसे में उदय कालीन तिथि को मानते हुए कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल को रखा जाएगा।
कामदा एकादशी 2025 के लिए शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4:32 से 5:18 तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 से 3:20 तक मान्य है। गोधूलि मुहूर्त शाम 6:42 से 7:04 तक प्रभावी रहेगा। निशिता मुहूर्त रात्रि 12:00 से 12:45 तक शुभ माना गया है।
कामदा एकादशी 2025 पारण का समय कामदा एकादशी 2025 के व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाएगा। इस वर्ष यह पारण 9 अप्रैल, बुधवार के दिन किया जाएगा।
व्रत खोलने के लिए उपयुक्त समय प्रातः 6:02 बजे से लेकर 8:34 बजे तक रहेगा। इस अवधि के भीतर व्रत का पारण करना शुभ और फलदायक माना जाता है।
कामदा एकादशी का महत्व पद्म पुराण में वर्णित है कि कामदा एकादशी व्रत से ब्रह्महत्या जैसे महापापों से मुक्ति मिलती है और अनजाने में हुए पापों का भी क्षय होता है। यह व्रत पिशाच दोष जैसे कष्टों को भी दूर करने वाला माना गया है। इस व्रत को करने और इसकी कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है