फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस व्रत का पालन करता है, उसे मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वर्ष 2025 में जया एकादशी का व्रत 8 फरवरी, शनिवार को रखा जाएगा। इस दिन स्नान एवं दान का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
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हालांकि, जया एकादशी के दिन कुछ कार्य वर्जित माने गए हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
इन नियमों का पालन करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
कलह से करें परहेज़एकादशी के दिन मन की शांति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इस पवित्र तिथि पर किसी भी प्रकार के विवाद, झगड़े या कलह से दूर रहना चाहिए। कोशिश करें कि दिनभर भगवान विष्णु की भक्ति में मन लगाएं और सकारात्मकता बनाए रखें। साथ ही, इस दिन किसी का अपमान करने से बचें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
जया एकादशी पर सुबह जल्दी उठना आवश्यकयदि आप जया एकादशी का व्रत कर रहे हैं, तो इस दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करने और भगवान विष्णु की आराधना करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन देर तक सोना अनुचित माना जाता है, क्योंकि ऐसा करने से भगवान विष्णु अप्रसन्न हो सकते हैं।
एकादशी पर चावल के सेवन से करें परहेज़एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही होती है। इस पवित्र तिथि पर चावल या इससे बनी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने से व्यक्ति को अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेने का भय रहता है।
एकादशी पर तामसिक भोजन से करें परहेज़एकादशी के दिन तामसिक भोजन का त्याग करना आवश्यक माना गया है। इस दिन घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनाना चाहिए और न ही इसका सेवन करना चाहिए। साथ ही, लहसुन और प्याज का उपयोग भी वर्जित माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी पर सात्विक आहार ग्रहण करने से व्रत का संपूर्ण लाभ प्राप्त होता है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।