फाल्गुन पूर्णिमा को अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में फाल्गुन पूर्णिमा का विशेष स्थान है, क्योंकि इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
जिनकी कुंडली में चंद्र दोष होता है, उन्हें इस दिन चंद्रमा की उपासना करनी चाहिए और सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए। इससे चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा कब मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
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फाल्गुन पूर्णिमा 2025 तिथिफाल्गुन पूर्णिमा का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन रंगों का महापर्व होली मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे होगा और 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगा।
फाल्गुन पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उपायमूर्ति स्थापना: यदि घर में चांदी की लक्ष्मी जी की मूर्ति और पीतल की विष्णु जी की प्रतिमा हो, तो यह अति शुभ माना जाता है। साथ ही, शालीग्राम जी की पूजा करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।
मंत्र जाप: भगवान विष्णु की पूजा करते समय "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें और मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान "ॐ महालक्ष्मयै नमः" मंत्र का उच्चारण करें।
अभिषेक: लक्ष्मी जी का अभिषेक शुद्ध जल, दूध और पंचामृत से करें।
सामग्री अर्पण: पूजा में मौली, चंदन, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, इत्र, गुलाब और कमल के फूल अर्पित करें।
भोग और आरती: मां लक्ष्मी को पीली मिठाई और खीर का नैवेद्य अर्पित करें, फिर श्रद्धा पूर्वक आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
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