फाल्गुन मास का एक और महत्वपूर्ण पर्व फाल्गुन अमावस्या है, जिस दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। 

इसके अगले दिन से चैत्र मास का आरंभ हो जाता है।  

महाशिवरात्रि के दिन बड़ी संख्या में भक्त व्रत रखते हैं और अगले दिन फाल्गुन अमावस्या का व्रत संपन्न किया जाता है। 

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फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त   ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या का आरंभ 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे होगा और इसका समापन 28 फरवरी को सुबह 06:14 बजे होगा। 

सनातन धर्म में किसी भी तिथि की गणना उदया तिथि के आधार पर की जाती है, इसलिए फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को मनाई जाएगी। 

पंचांग: – सूर्योदय: सुबह 06:48 बजे – सूर्यास्त: शाम 06:20 बजे – ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:08 बजे से 05:58 बजे तक – विजय मुहूर्त: दोपहर 02:29 बजे से 03:15 बजे तक – गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:17 बजे से 06:42 बजे तक – निशिता मुहूर्त: रात 12:09 बजे से 12:58 बजे तक

फाल्गुन अमावस्या का महत्व फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर पूजन एवं तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

यह दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है।शास्त्रों के अनुसार, इस दिन चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को बहते जल में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।  

साथ ही, पितरों की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए श्राद्ध कर्म और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

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