भारत एक ऐसा देश है, जहाँ त्योहारों का विशेष महत्व है और हर त्योहार के पीछे एक पौराणिक कथा, धार्मिक मान्यता या सांस्कृतिक परंपरा छुपी होती है।

इन्हीं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है 'दिवाली'।

दिवाली को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और इस पर्व का प्रमुख उद्देश्य मां लक्ष्मी का आह्वान कर, उनकी कृपा प्राप्त करना है।

लक्ष्मी जी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना जाता है, और इसलिए दिवाली के दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है।

Fill in some text

दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा विधि और आरती का भी विशेष महत्व है। लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए या नहीं?

कुछ मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की आरती करना आवश्यक है, क्योंकि यह देवी की कृपा प्राप्त करने का एक प्रमुख माध्यम है।

परंतु कुछ परंपराओं और घरों में ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी जी की आरती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह उन्हें 'विदाई' देने का संकेत हो सकता है।

यह विचार कई स्थानों पर प्रचलित है कि आरती के दौरान 'जय' या 'विदाई' के शब्दों का उपयोग लक्ष्मी जी को घर से बाहर जाने का संकेत दे सकते हैं।

इसलिए कई लोग लक्ष्मी जी की आरती करने से बचते हैं।

Dhanteras 2024:कब है धनतेरस 29 या 30 अक्टूबर को?