धनतेरस का पर्व हर साल दीपावली से दो दिन पहले आता है और इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि धनतेरस पर जो वस्तु खरीदी जाती है, उसमें बरकत होती है और यह आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देती है।
सदियों से चली आ रही इस परंपरा में एक खास चीज खरीदना अनिवार्य माना गया है - साबुत धनिया। आइए जानें कि आखिर धनतेरस पर धनिया खरीदने का क्या महत्व है, इसे खरीदने के बाद क्या करना चाहिए और कैसे यह आपके आने वाले साल के आर्थिक भविष्य का संकेत देता है।
धनतेरस के दिन साबुत धनिया खरीदना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि इसे लेकर धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस पर जो कुछ भी खरीदा जाता है, उसमें 13 गुना वृद्धि होती है।
धनतेरस पर धनिया खरीदने का संबंध बुध ग्रह से है। ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को व्यापार, बुद्धि और आर्थिक समृद्धि का कारक माना गया है।
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यह ग्रह व्यापारिक लाभ और धन संबंधी मामलों को भी प्रभावित करता है। धनतेरस पर धनिया खरीदने से न केवल आर्थिक वृद्धि होती है बल्कि घर में सुख-समृद्धि का भी वास होता है।
धनतेरस पर धनिया खरीदने के बाद इसे सीधे प्रयोग में न लें, बल्कि इसे देवी लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा में अर्पित करना चाहिए।
पूजा के लिए धनिया को विशेष रूप से तैयार करने की परंपरा भी है।
पूजा घर में धनिया रखें: धनतेरस के दिन खरीदे गए धनिया को पूजा घर में स्थापित करें और इसे दिवाली तक वहीं रखें।लक्ष्मी पूजन में अर्पण: दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन के दौरान थोड़े से धनिया को प्रसाद के रूप में इस्तेमाल करें। शेष साबुत धनिया को माता लक्ष्मी की मूर्ति के समीप रख दें और पूरी श्रद्धा से अर्पित करें।
गमले में बो दें: दिवाली के अगले दिन इस धनिया को अपने घर के गमले में या आंगन में बो दें। मान्यता है कि जितना घना धनिया उगता है, आने वाले वर्ष में उतनी ही समृद्धि आती है।
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