देवउठनी एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जिसे सभी एकादशियों में सबसे उत्तम माना जाता है।

इस वर्ष देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर देवउठनी एकादशी पर उठते हैं।

यह दिन शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक होता है। इसी दिन से विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य फिर से आरंभ किए जाते हैं।

इस लेख में हम देवउठनी एकादशी के कुछ विशेष और सरल उपायों के बारे में जानेंगे, जो आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग खोल सकते हैं।

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– सुबह तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। – कच्चे दूध में गन्ने का रस मिलाकर तुलसी के पौधे में अर्पित करें। – तुलसी की आरती करें और अपनी मनोकामना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के समक्ष रखें।

– तुलसी के पौधे के सामने पांच देसी घी के दीपक जलाकर पूजा करें। – घर के हर कोने में एक दीपक जलाकर रखें। – पूजा के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनसे सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।

– एकादशी के दिन स्नान करते समय पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाएं। – स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। – इस उपाय से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में शांति का अनुभव होता है।

– पूजा में गन्ने के रस का अर्पण करें और साथ ही गन्ने के छोटे टुकड़े भगवान विष्णु के चरणों में रखें। – इस रस को पूजा के बाद परिवारजनों में प्रसाद के रूप में बांटें। – माना जाता है कि इस उपाय से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

– तुलसी और शालिग्राम को विवाह के जोड़े की तरह सजाएं। – विवाह संपन्न होने के बाद तुलसी को लाल वस्त्र अर्पित करें और चावल चढ़ाएं। – तुलसी विवाह से घर में कलह दूर होता है और सकारात्मकता का वास होता है।

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