हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे चतुर्मास का अंतिम माह माना जाता है। इस महीने को भक्ति, पूजन, जप-तप, और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में दीपदान करने से भगवान लक्ष्मीनारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

खासतौर से इस माह में दीपदान करना मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का महत्वपूर्ण उपाय माना गया है।

कार्तिक मास का महत्व

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शास्त्रों में वर्णन है कि इस माह में भगवान सूर्य तुला राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे सूर्य का नीच स्थान माना गया है।

इस समय वातावरण में अंधकार का प्रभाव बढ़ जाता है, इसलिए दीपक जलाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।

इसके अलावा, कार्तिक मास में मां लक्ष्मी की आराधना विशेष रूप से की जाती है। यह माना जाता है कि इस मास में जो भी व्यक्ति दीपदान करता है, उसे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है

अग्निपुराण और पद्मपुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति मंदिरों, देवालयों, नदी किनारे और दुर्गम स्थानों पर दीपदान करता है, उसे जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कार्तिक मास में विशेष रूप से पांच दिनों का महत्व है, जिनमें दीपदान अवश्य करना चाहिए। ये पांच दिन रमा एकादशी से दीपावली तक माने जाते हैं।

1. रमा एकादशी 2. धनतेरस 3. नरक चतुर्दशी 4. दीपावली 5. कार्तिक पूर्णिमा

दीपदान करने से न केवल व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। पद्मपुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सड़कों, मंदिरों, और नदी किनारे दीप जलाता है, उसे सर्वतोमुखी लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और उसे नरक जाने से मुक्ति मिलती है।

इन दिनों में किया गया दीपदान अत्यधिक शुभ माना जाता है और इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

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