दशहरा और करवा चौथ जैसे प्रमुख त्योहारों के बाद अब सबकी नज़रें दिवाली और छठ पूजा पर हैं। हालांकि, दिवाली की तिथि 31 अक्टूबर को निश्चित की जा चुकी है

लेकिन लोक आस्था का महापर्व छठ कब मनाया जाएगा, इसे लेकर अब भी लोगों में असमंजस बना हुआ है। इस लेख में हम छठ पूजा की तिथियों, पूजा विधि, और शुभ मुहूर्त की जानकारी देंगे, ताकि आप सही समय पर इस पावन पर्व को मना सकें।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाई जाती है।

यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसमें सूर्य देव की पूजा और उपासना की जाती है।

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छठ पूजा की शुरुआत 'नहाय-खाय' से होती है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

इस दिन व्रती पवित्र नदियों जैसे गंगा में स्नान करते हैं और इसके बाद शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। भोजन में आमतौर पर चावल, दाल और लौकी की सब्जी बनाई जाती है, जो पूरी तरह से सात्विक और बिना लहसुन-प्याज के होती है।

नहाय-खाय छठ पर्व का पहला दिन होता है, जिसमें व्रती अपने शरीर और मन को शुद्ध करते हैं और सूर्य देव की आराधना करते हैं।

दूसरे दिन, जिसे 'खरना' के नाम से जाना जाता है, व्रती दिनभर निर्जला उपवास रखते हैं। छठ पूजा का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है, जब व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

और इसका समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है। इस वर्ष 2024 में, छठ पूजा की तिथियां इस प्रकार हैं:

नहाय-खाय: 5 नवंबर 2024 खरना: 6 नवंबर 2024 संध्याकाल का अर्घ्य (डूबते सूर्य को): 7 नवंबर 2024 सबेरे का अर्घ्य (उगते सूर्य को): 8 नवंबर 2024

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