इस साल छठ पूजा का शुभारंभ 5 नवंबर से हो रहा है और यह पवित्र पर्व 8 नवंबर तक चलेगा। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को संतान की सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मनाया जाता है।
छठ पूजा को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, जिसमें श्रद्धालु गहरी आस्था के साथ सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना करते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा को पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न करने के लिए पहले से ही तैयारी कर लेनी चाहिए, ताकि पूजा के दौरान किसी भी सामग्री की कमी न हो।
Fill in some text
छठ पूजा का पहला दिन "नहाय-खाय" के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रती स्नान कर शुद्ध भोजन का सेवन करते हैं और पूजा की शुरुआत करते हैं।
इस दिन श्रद्धालु संध्या अर्घ्य के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं, जिसे बांस या पीतल की टोकरी, बांस से बने सूप, तांबे, पीतल, या सोने के कलश में जल भरकर अर्पित किया जाता है।
छठ पूजा की आवश्यक सामग्री
छठ पूजा की विधि-विधान से पूजा करने के लिए आवश्यक सामग्रियों की सूची इस प्रकार है:– बांस की दो बड़ी टोकरियां– पानी वाला नारियल– दूध और जल के लिए एक गिलास– एक लोटा और थाली, चम्मच– 5 गन्ने (पत्तों के साथ)– शकरकंदी और सुथनी
– पान और सुपारी– हल्दी– शरीफा, केला, और नाशपाती– मूली और अदरक का हरा पौधा– सिंघाड़ा– मिठाई– बड़ा वाला मीठा डाभ नींबू
– गुड़– गेहूं और चावल का आटा– ठेकुआ (विशेष प्रसाद)– चावल, सिंदूर, और कलावा– दीपक, शहद, धूप, और कुमकुम– नई साड़ी और फूल मालाएं
इस दिन श्रद्धालु संध्या अर्घ्य के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं, जिसे बांस या पीतल की टोकरी, बांस से बने सूप, तांबे, पीतल, या सोने के कलश में जल भरकर अर्पित किया जाता है।