By Neha Pandey Date: 04/04/2025

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चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन कब करना उचित रहेगा, साथ ही इसके शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें। 

नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखने के बाद, भक्त कन्या भोज करवाकर और कन्या पूजन करके व्रत का समापन करते हैं। कुछ लोग अष्टमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं, जबकि कुछ नवमी तिथि को यह अनुष्ठान संपन्न करते हैं। 

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आइए जानते हैं कि कन्या पूजन कब करना उचित रहेगा, साथ ही इसके शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें। 

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कन्या पूजन कब करें  कन्या पूजन का समय  चैत्र नवरात्रि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन का शुभ समय 5 अप्रैल को सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:49 बजे तक रहेगा। वहीं, राम नवमी पर कन्या पूजन का अभिजीत मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा। 

भावार्थ

कन्या पूजन का महत्व 

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नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। जो भक्त नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, उनके लिए शास्त्रों में कन्या पूजन अनिवार्य बताया गया है।  

व्रत के समापन पर कन्या पूजन करने से ही इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है और मां भगवती की कृपा मिलती है।  

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शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि कन्याओं को मां भवानी का स्वरूप माना जाता है। 

स पूजन से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है और उनके सभी अधूरे कार्य पूरे होने का मार्ग खुलता है।  

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कन्या पूजन मंत्र  स्तोत्र मंत्र: "या देवी सर्वभूतेषु कन्या रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥" बीज मंत्र: "ॐ श्री दुं दुर्गायै नमः।"

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