प्रथम दिन: मां शैलपुत्री पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इस दिन उन्हें गाय के घी से बने हलवे और रबड़ी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। 

दूसरे दिन: मां ब्रह्मचारिणी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दिन शक्कर और पंचामृत का भोग अर्पित करें। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर शामिल होता है, जो देवी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम माध्यम है। 

तीसरे दिन: मां चंद्रघंटा तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय दूध से बनी खीर, पेड़ा या दूध का भोग अर्पित करें। इससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और सौभाग्य प्राप्त होता है। 

चौथे दिन: मां कुष्मांडा मां कुष्मांडा की पूजा के लिए मालपुआ का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे मां की कृपा से रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है। 

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पांचवें दिन: मां स्कंदमाता मां स्कंदमाता को केले का भोग अर्पित करें। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। 

छठे दिन: मां कात्यायानी छठे दिन मां कात्यायानी की पूजा करते समय फल और शहद का भोग अर्पित करें। इससे मेहनत में सफलता मिलती है और जीवन में सकारात्मक अवसर प्राप्त होते हैं। 

सातवें दिन: मां कालरात्रि मां कालरात्रि की पूजा के दिन गुड़ से बनी मिठाइयों का भोग लगाना शुभ होता है। इससे जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और नकारात्मकता समाप्त होती है। 

आठवें दिन: मां महागौरी मां महागौरी को नारियल का भोग अर्पित करें। नारियल समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और संकटों से मुक्ति मिलती है। 

नवें दिन: मां सिद्धिदात्री नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को आलू-पूड़ी, खीर और हलवे का भोग अर्पित करें। साथ ही नौ कन्याओं को भोजन कराकर आशीर्वाद लें। यह भोग जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है।

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