जब प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ता है, तो इसे मंगल प्रदोष व्रत या भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। 

इस वर्ष भौम प्रदोष व्रत 25 फरवरी को रखा जाएगा।  

इस दिन श्रद्धालु भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिपूर्वक करते हैं।  

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मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से कर्ज से मुक्ति मिलती है, आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।  

विशेष रूप से प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना से शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

प्रदोष व्रत पूजन विधि   1. प्रातः स्नान कर शुद्ध भाव से व्रत का संकल्प लें। 2. भगवान शिव एवं माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें।

1. शिवलिंग पर भांग, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। 2. गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। 3. शिव मंत्रों का जाप कर भगवान को चंदन अर्पित करें।

1. श्रद्धा भाव से शिव आरती करें और भोग अर्पित करें। 2. इस दिन प्रदोष व्रत की कथा सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।

भौम प्रदोष व्रत 2025 का शुभ मुहूर्त  भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय 25 फरवरी 2025 को शाम 6:18 बजे से रात 8:49 बजे तक रहेगा। इस अवधि में विधिपूर्वक की गई पूजा अत्यंत मंगलकारी मानी जाती है और भक्तों को विशेष फल प्रदान करती है।

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