गीता के श्लोक 2.31(Bhagavad Gita Chapter 2 Shloka 31) में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को स्वधर्म का पालन करने और धर्म के लिए युद्ध में संकोच न करने का उपदेश दिया है। यह श्लोक हमें न केवल कर्म के महत्व का बोध कराता है, बल्कि यह भी समझाता है कि स्वधर्म का पालन करना व्यक्ति की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है।