इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि यदि वह युद्धभूमि से डर के कारण पीछे हटेगा तो लोग उसकी वीरता पर संदेह करेंगे और उसकी प्रतिष्ठा का ह्रास हो जाएगा। जिन महायोद्धाओं ने अर्जुन का सम्मान किया है, वे सोचेंगे कि अर्जुन ने भयवश युद्ध का त्याग किया। इससे अर्जुन की छवि धूमिल हो जाएगी और लोग उसे तुच्छ समझने लगेंगे।