फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी के नाम से जाना जाता है। 

इस वर्ष आमलकी एकादशी के अवसर पर तीन शुभ संयोग बनने जा रहे हैं, जो इस दिन को और भी विशेष बनाते हैं।  

प्रत्येक महीने में दो एकादशी होती हैं, जिससे वर्षभर में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं। इन सभी का विशेष महत्व होता है, लेकिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली आमलकी एकादशी को अत्यधिक पुण्यदायी माना गया है। 

इस दिन भगवान विष्णु और आंवला वृक्ष की पूजा का विशेष विधान है। साथ ही, व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

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इस वर्ष की आमलकी एकादशी पर तीन विशेष संयोग बन रहे हैं, जो इसे और भी शुभ बना रहे हैं। आइए जानते हैं इन शुभ संयोगों के बारे में। 

आमलकी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त  हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का शुभारंभ 9 मार्च 2025 को सुबह 07:45 बजे होगा और 10 मार्च 2025 को सुबह 07:44 बजे इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार, आमलकी एकादशी व्रत 10 मार्च 2025 को रखा जाएगा। 

व्रत पारण का समय  व्रत पारण (व्रत खोलने का समय) 11 मार्च 2025 को सुबह 06:35 से 08:13 तक रहेगा। इस दिन द्वादशी तिथि का समापन सुबह 08:13 बजे होगा, इसलिए इसी समय के भीतर व्रत पारण करना शुभ माना जाता है। 

आमलकी एकादशी पर शुभ संयोग  इस वर्ष आमलकी एकादशी के दिन तीन विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं—सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और पुष्य नक्षत्र। ये तीनों संयोग धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

सर्वार्थ सिद्धि योग का प्रभाव सुबह 06:36 बजे से लेकर रात 12:51 बजे तक रहेगा। शोभन योग का प्रभाव प्रातः से दोपहर 01:57 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र पूरे दिन प्रभावी रहेगा और इसका समापन रात 12:51 बजे होगा। इन शुभ संयोगों में व्रत और पूजा-पाठ करने से अत्यधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

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