मार्च माह की शुरुआत शनिवार से होगी और इसके साथ ही होली पर्व की तैयारियां भी शुरू हो जाएंगी।
हर साल लोग इस बहुप्रतीक्षित त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि यह हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है और इसे फाल्गुन मास में मनाया जाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शास्त्रों में इस पर्व को एकता, प्रेम और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना गया है।
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होली का पर्व प्रेम और विश्वास को बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर होता है।
इस दिन लोग पुराने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और इस आनंदमय त्योहार को स्नेहपूर्वक मनाते हैं। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को रात्रि 11:26 बजे से लेकर 12:30 बजे तक रहेगा, इस दौरान होलिका दहन किया जा सकता है।
इस दिन मनाई जाएगी होलीज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पंचांग के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को प्रातः 10:35 बजे प्रारंभ होकर 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और इसके अगले दिन, यानी 14 मार्च 2025 को रंगों की होली धूमधाम से मनाई जाएगी।
होलिका दहन की पूजा विधिहोलिका दहन के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।पूजा स्थल पर गाय के गोबर से होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमा बनाएं।
पूजा में कच्चा सूत, गुड़, हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल और नारियल अर्पित करें।भगवान को मिठाइयां और फल चढ़ाकर विधिपूर्वक पूजा करें।
होलिका की पूजा के साथ भगवान नरसिंह की उपासना भी करें।अंत में श्रद्धा भाव से होलिका की परिक्रमा करें और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।
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