वरुथिनी एकादशी 2025इस दिन श्रद्धा भाव से व्रत रखने और प्रभु की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और वैवाहिक जीवन की सभी अड़चनें दूर होती हैं।
वरुथिनी एकादशी का महत्वइस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सौभाग्य आता है।
कब है वरुथिनी एकादशी 2025?इस बार वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल, गुरुवार को मनाई जाएगी। यह वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है।
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व्रत पारण का समयव्रत का पारण 25 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 5:46 से 8:23 बजे के बीच करें। इस समय का पालन अवश्य करें।
भगवान विष्णु की पूजा विधिस्नान के बाद विष्णु भगवान को पीले पुष्प अर्पित करें, दीप जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
ये चीज़ें ज़रूर करें दानकेला, मौसमी फल, अन्न, तिल, पीले वस्त्र और जल से भरा घड़ा—इनका दान अत्यंत पुण्यदायक होता है।
वैवाहिक जीवन में आएगी मिठासइस दिन सच्चे मन से व्रत और पूजा करने से पति-पत्नी के रिश्तों में समझ और प्रेम बढ़ता है।
मोक्ष की प्राप्ति का मार्गमान्यता है कि इस व्रत से केवल वैवाहिक सुख ही नहीं, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी संभव होती है।
करें शुभ शुरुआतवरुथिनी एकादशी पर व्रत और दान से जीवन में आती है स्थिरता, समृद्धि और भगवान विष्णु का आशीर्वाद।
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