जीवन में क्यों मिलती है बार-बार असफलता?अगर आपके जीवन में हर प्रयास के बाद भी असफलता हाथ लगती है, तो इसका कारण केवल भाग्य नहीं... जानिए असली वजह।
प्रेमानंद जी महाराज का दृष्टिकोणप्रेमानंद जी महाराज के अनुसार बार-बार असफलता का कारण हमारे जीवन में छिपे पाप होते हैं – चाहे वे पूर्व जन्म के हों या वर्तमान जीवन के।
पाप ही सफलता में सबसे बड़ी बाधा हैपुराने और वर्तमान पाप जीवन की शांति और उन्नति को रोकते हैं। यही पाप मनुष्य को सुख, समृद्धि और सफलता से दूर रखते हैं।
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समाधान है – भगवान की शरण में जानागीता के श्लोक के अनुसार – "सभी धर्मों को त्यागकर भगवान की शरण में जाओ, वे सभी पापों से मुक्त कर देंगे।"
नाम जप ही है असली दवाजैसे रोग की दवा नियम से लेनी होती है, वैसे ही पापों से मुक्ति के लिए भगवान का नाम नियमित जपना आवश्यक है।
सेवा और संयम लाएं जीवन में शुद्धतामाता-पिता, जरूरतमंदों, पशु-पक्षियों की सेवा करें। नशा, अहंकार और बड़ों का अपमान छोड़ें – तभी जीवन शुद्ध होगा।
भजन से ही मिलेगी आंतरिक शक्तिभजन करने से मन शुद्ध होता है और हमें जीवन के सही रास्ते की पहचान होती है। यही आत्मज्ञान की ओर पहला कदम है।
हर असफलता का है एक आध्यात्मिक कारणहर बार की विफलता हमें यह संकेत देती है कि आत्मा को शुद्ध करने की आवश्यकता है – केवल भक्ति से यह संभव है।
प्रेमानंद जी महाराज का अंतिम संदेशअगर सफलता चाहिए, तो पाप से दूर रहो, सेवा करो, नाम जपो और भगवान की शरण में जाओ – यही असफलता से मुक्ति का मार्ग है।
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