राधा रमन सरकार श्रीकृष्ण जी के बाल स्वरूप माने जाते हैं, जिनका प्राकट्य स्वयं श्रीहरि ने भक्त गद्दाधर भट्टाचार्य के प्रेम से प्रसन्न होकर किया था। 

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राधा रमन सरकार का प्राकट्य कैसे हुआ? राधारमण जी का प्राकट्य 1542 ईस्वी में वृंदावन में हुआ था। यह श्रीकृष्ण का स्वयंभू विग्रह है जो शालग्राम शिला से प्रकट हुआ था। 

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राधा रमन सरकार की जयंती कब मनाई जाएगी?  राधा रमण सरकार की जयंती वर्ष 2025 में 12 मई को मनाई जाएगी। यह दिन उनके प्राकट्य महोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। 

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क्यों विशेष हैं राधा रमन जी? राधा रमन जी का स्वरूप श्रीकृष्ण के सभी लक्षणों से युक्त है। ये एकमात्र ऐसे विग्रह हैं जो स्वयं शालग्राम शिला से प्रकट हुए और आज भी उसी रूप में विराजमान हैं। 

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राधा रमन मंदिर का महत्व वृंदावन स्थित राधा रमन मंदिर गद्दाधर भट्ट के द्वारा स्थापित है। यह स्थान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति और लीलाओं का जीवंत प्रतीक है। 

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राधा रमन जयंती पर पूजा विधि सुबह स्नान करके, भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं। तुलसी, फूल, माखन-मिश्री, और पीत वस्त्र अर्पित करें। मंत्रों और भजन-कीर्तन से पूजा करें। 

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क्या है राधा रमन जयंती का आध्यात्मिक महत्व? इस दिन भगवान की उपासना से प्रेम, भक्ति और समर्पण की भावना जागृत होती है। यह जयंती आत्मशुद्धि और ईश्वर के निकट जाने का श्रेष्ठ अवसर है। 

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व्रत और उपवास का महत्व कई भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और भगवान राधा रमन जी को समर्पित कथा श्रवण करते हैं। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 

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इस दिन क्या करें और क्या न करें सत्संग, भजन-कीर्तन, मंत्र जाप करें। क्रोध, मांस-मदिरा और व्यर्थ की बातें करने से बचें। पूरे दिन ईश्वर के प्रति भक्ति भाव बनाए रखें। 

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