मौत से डर क्यों लगता है? अधिकांश लोग मृत्यु से डरते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सब कुछ छिन जाएगा। प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि यह डर अज्ञानता से पैदा होता है। 

Floral Separator

मृत्यु का सबसे बड़ा कारण – मोह मोह और लगाव ही हमें मृत्यु से डरने पर मजबूर करता है। जब तक मन संसार से बंधा है, मृत्यु एक संकट लगती है। 

Floral Separator

क्या मृत्यु सच में अंत है? प्रेमानंद जी कहते हैं, मृत्यु अंत नहीं है, बल्कि आत्मा की यात्रा का एक नया चरण है। इसे समझने से भय समाप्त हो जाता है। 

Floral Separator

Fill in some text

प्रह्लाद का उदाहरण प्रह्लाद ने भगवान के नाम-जप से मृत्यु को हराया। आग, पानी, ज़हर, और पहाड़ भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सके। 

Floral Separator

नाम-जप में है शक्ति महाराज जी के अनुसार, भगवान के नाम-जप में इतनी ताकत है कि वह मृत्यु जैसे भय को भी मिटा सकता है। 

Floral Separator

सच्चा ज्ञान ही डर को करता है दूर जब आत्मज्ञान जागता है, तो मृत्यु कुछ नहीं छीन सकती। सच्चा भक्त जानता है कि आत्मा अमर है।

Floral Separator

मृत्यु को परमानंद मानें "जा मरने से जग डरे, मेरे मन आनंद।" प्रेमानंद जी कहते हैं कि जब मोह छूट जाए तो मृत्यु भी आनंद का द्वार बन जाती है।

Floral Separator

प्रभु का भजन ही समाधान है हर दिन भजन करें, सेवा करें, और पाप कर्मों से दूर रहें। तब मृत्यु का डर अपने आप खत्म हो जाएगा। 

Floral Separator

मृत्यु पर जीत का रास्ता प्रेमानंद जी महाराज का संदेश साफ है — नाम-जप, सेवा और भक्ति के बल पर ही मृत्यु पर विजय संभव है।

Floral Separator

प्रेमानंद जी महाराज के 9 विचार जो बदल सकते हैं आपका जीवन