गरुड़ पुराण में जीवन और मृत्यु के रहस्यों का गहन उल्लेख है। इस ग्रंथ में बताया गया है कि मृत्यु से पहले कुछ विशेष संकेत दिखाई देते हैं।
पितरों का दर्शनगरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु से पहले व्यक्ति को अपने पूर्वज या पितर दिखाई देने लगते हैं। यह संकेत होता है कि उसकी अंतिम यात्रा निकट है।
परछाई का न दिखनातेल, पानी, घी या शीशे में व्यक्ति की परछाई न दिखे तो समझें कि मृत्यु का समय समीप है। यह एक अत्यंत गंभीर संकेत माना गया है।
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रहस्यमयी द्वार का दिखनामृत्यु से पहले व्यक्ति को एक तेज़ सफेद रोशनी वाला रहस्यमयी द्वार दिखाई देता है, जो आत्मा के अगले संसार की ओर इशारा करता है।
यमदूतों का दर्शनगरुड़ पुराण के अनुसार अंतिम समय में व्यक्ति को यमदूत दिखाई देते हैं। इसका अर्थ होता है कि जीवन की आखिरी घड़ियां शुरू हो चुकी हैं।
गरुड़ पुराण पाठ का महत्वमृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ करने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और परिजनों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
पाठ करने का सही समयगरुड़ पुराण का पाठ विशेष रूप से मृत्यु के बाद 13 दिनों तक किया जाता है, जब तक आत्मा घर में मानी जाती है।
गरुड़ पुराण पाठ के नियमपाठ के समय शुद्ध मन, साफ वस्त्र और शांत वातावरण जरूरी है। पाठ करते समय किसी के प्रति गलत सोच नहीं रखनी चाहिए।
गरुड़ पुराण सिर्फ मृत्यु नहीं, बल्कि जीवन को समझने का दिव्य मार्ग है। इसके संदेशों को अपनाकर व्यक्ति मोक्ष की दिशा में अग्रसर हो सकता है।
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