जीवन का रहस्य क्या है?प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं — जीवन का अंतिम और सच्चा उद्देश्य है भगवान को जानना। जब आप उन्हें जान लेंगे, तो और कुछ जानने को बाकी नहीं रहेगा।
भगवान ही हैं जीवन का सारजो कुछ भी इस ब्रह्मांड में है — जड़ हो या चेतन, सबमें वही परमात्मा समाया हुआ है। वही हर कण में विद्यमान हैं।
सत्य की पहचान कैसे करें?प्रेमानंद जी समझाते हैं — भगवान ही प्रारंभ हैं, मध्य हैं और अंत भी। हम उन्हें पहचान नहीं पा रहे, पर वे हमारे ही भीतर हैं।
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ज्ञान के बाद कुछ बाकी नहीं रहताएक बार यदि किसी ने भगवान को जान लिया, तो फिर इस संसार में और कुछ जानने या पाने की आवश्यकता नहीं रह जाती।
सबकुछ शून्य हो जाता हैधन, पढ़ाई, प्रतिष्ठा — मृत्यु के बाद कुछ भी साथ नहीं जाता। सब शून्य हो जाता है, और अगला जन्म फिर से शुरुआत होती है।
एक चीज़ जो हमेशा साथ रहती हैयदि जीवन में आपने एक बार भी सच्चे मन से भगवान का भजन किया है, तो वही भजन आपके साथ हर जन्म में रहता है।
भगवान ही हैं अंतिम सत्यचाहे कितनी भी उपलब्धियां क्यों न हो, यदि मन परमात्मा में नहीं लगा, तो सब व्यर्थ है। मन को भगवान से जोड़ें।
मन को समय दो, भगवान को अपनाओप्रेमानंद जी कहते हैं — अपने मन को समय दो, उसे भटकने न दो। उसे प्रभु में लगाओ, यही सबसे बड़ा लाभ है।
जीवन को सफल बनाओ
अब समय है उस सत्य को पहचानने का। भगवान को जानो, भजन करो और अपने जीवन को पवित्र व सफल बनाओ।
प्रेमानंद जी महाराज के 9 विचार जो बदल सकते हैं आपका जीवन