नंदी की सेवा से मिलेगा शिवधाम का रास्ता!जानिए वो रहस्य जो साधक को बनाता है योग्य।
शिव ही हैं शक्ति के स्वामीभगवान शिव स्वयं शक्ति के अधिपति हैं।हर कोई शक्ति चाहता है, लेकिन उसे समझना कोई नहीं चाहता।
क्यों नहीं मिलता हर किसी को शिवधाम?जो साधक योग्य नहीं होता, उसे शिवधाम से रोका जाता है।इसलिए शिव के द्वार पर गण नियुक्त होते हैं—भूत, प्रेत, पिशाच और नंदी।
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नंदी ही सबसे बड़ी परीक्षा हैंनंदी साधक की भक्ति और उद्देश्य की परख करते हैं।उनकी सेवा असली योग्यता का इम्तहान है।
नंदी की सेवा कैसे करें?गौशाला में जाकर नंदी (बैल) की सेवा करें।उसका पालन करें और प्रतिदिन 7 परिक्रमा करें।
इच्छाएं होंगी पूरी, पर यही बंधन है!नंदी आपकी मनोकामनाएं पूरी कर देंगे।लेकिन यहीं से आप भौतिक सुखों में फंस सकते हैं।
असली अज्ञान क्या है?लोग नौकरी, पैसा, संबंध चाहते हैं—लेकिन शिव नहीं।यही है सबसे बड़ी अविद्या।
गुरु ही दिला सकते हैं सद्बुद्धिगुरु ही सिखाते हैं कि पुण्य का सही उपयोग क्या है—शिवधाम की ओर बढ़ना, भौतिकता में नहीं उलझना।
नंदी से शक्ति, गुरु से दिशानंदी सेवा से शक्ति मिलेगी,पर गुरु ही बताएंगे उसे शिव की ओर कैसे मोड़ें।
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