दिवाली का यह शुभ दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस पूजा से घर में बरकत और खुशहाली आती है।
दिवाली पूजन के समय कई सामग्रियां थाली में रखी जाती हैं, लेकिन खासतौर पर घर के पैसे और गहनों को पूजा में शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए जानें कि दिवाली की पूजा में पैसे और गहनों को शामिल करने का क्या महत्व है।
इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि घर में सुख, शांति और संपन्नता का वास हो। मान्यता है कि लक्ष्मी माता इस दिन पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों में भ्रमण करती हैं।
पूजा में गहने और पैसे रखने का मुख्य उद्देश्य माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना होता है, ताकि उनकी कृपा घर-परिवार पर बनी रहे।
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पूजा में पैसे और गहनों को शामिल करने से यह सुनिश्चित होता है कि लक्ष्मी की कृपा घर पर बनी रहे और समृद्धि का संचार हो।
ऐसा कहा जाता है कि जब गहने और पैसे पूजा में अर्पित किए जाते हैं, तो देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं और धन-वैभव में वृद्धि होती है।
दिवाली पूजन में गहनों और पैसों का उपयोग का धार्मिक दृष्टिकोण भी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गहने और पैसे देवी लक्ष्मी से जुड़े हुए माने जाते हैं, जो जीवन में आर्थिक समृद्धि और सफलता के प्रतीक हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष है या ग्रहों की अशुभता का प्रभाव है, तो दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन में गहनों और पैसों को अर्पित करने से इसका निवारण होता है।
जब आप दिवाली पूजन में घर के पैसे और गहनों को शामिल करते हैं, तो इससे भगवान गणेश की कृपा मिलती है। यह पूजा व्यक्ति को अहंकार से दूर रखती है, जिससे कि वह अपने धन का उपयोग अच्छे कार्यों में कर सके।
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